इज़राइल ने हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हनिया को मारा, ईरान में हत्या कर बदला लिया
तेल अवीव: इज़राइल ने हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हनिया की हत्या कर दी है। यह घटना ईरान में घटित हुई, जहाँ हनिया की उपस्थिति थी। इस कार्रवाई को हमास के खिलाफ इज़राइल की एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। इज़राइल ने इस ऑपरेशन को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया और इसे हमास के नेतृत्व पर एक बड़ा प्रहार माना जा रहा है।
इस्माइल हनिया, जो हमास के राजनीतिक संगठन के प्रमुख थे, लंबे समय से इज़राइल के निशाने पर थे। उनके नेतृत्व में हमास ने इज़राइल के खिलाफ कई हमले किए थे और उनके संगठन को कई आतंकवादी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। हनिया की हत्या के बाद, इज़राइल के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, “हमने इस्माइल हनिया को मार गिराया है, जो हमारे देश और हमारे नागरिकों के लिए एक बड़ा खतरा था। यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई का हिस्सा है।”
ईरान में इस घटना के बाद से सुरक्षा बलों की सतर्कता बढ़ा दी गई है। ईरानी अधिकारियों ने भी इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “हम इस हमले की निंदा करते हैं और इसके पीछे जिम्मेदार लोगों को सज़ा दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।” ईरान ने हनिया की हत्या को अपने क्षेत्रीय सुरक्षा और संप्रभुता पर हमला बताया है।
इस कार्रवाई के बाद, हमास ने एक बयान जारी कर कहा, “हम इस्माइल हनिया की हत्या का बदला लेंगे। यह घटना हमारे संगठन के लिए एक बड़ा झटका है, लेकिन हम इसके खिलाफ मजबूती से खड़े रहेंगे और अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।” हमास के समर्थकों ने भी इस घटना के बाद प्रदर्शन किए और इज़राइल के खिलाफ अपने गुस्से का इज़हार किया।
इस्राइली सैन्य अधिकारियों ने इस ऑपरेशन की सफलता पर संतोष व्यक्त किया है और कहा है कि यह कार्रवाई हमास के नेतृत्व को कमजोर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, “हम आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और हमारे नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।”
इस घटना ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है। इज़राइल और हमास के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंध अब और अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं। इज़राइल की इस कार्रवाई को उसकी आक्रामक सुरक्षा नीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है, जबकि हमास ने इसे अपने खिलाफ एक युद्ध घोषणा के रूप में लिया है।
इस मुद्दे की शुरुआत 7 अक्टूबर को हुई जब हमास ने इज़राइल के खिलाफ एक बड़ा हमला किया। इस हमले में सैकड़ों इज़राइली नागरिक मारे गए और कई घायल हुए। यह हमला इज़राइल के लिए एक बड़ा झटका था और इसके बाद से ही दोनों पक्षों के बीच तनाव और संघर्ष बढ़ता गया। इज़राइल ने इस हमले के बाद अपनी सुरक्षा बढ़ा दी और हमास के खिलाफ कई सैन्य कार्रवाइयाँ कीं, जिनमें से एक प्रमुख कार्रवाई इस्माइल हनिया की हत्या है।इस घटना के बाद, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। कई देशों ने इस हत्या की निंदा की है और क्षेत्र में शांति बनाए रखने की अपील की है। वहीं, कुछ देशों ने इज़राइल के इस कदम का समर्थन भी किया है और इसे आतंकवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई बताया है।