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70वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2024: कंतारा, अट्टम, उंचाई, पोन्नियिन सेलवन, देखिये विजेताओं की पूरी लिस्ट

The 70th National Film Awards for 2024 were announced on August 16, 2024, recognizing the best in Indian cinema.

नई दिल्ली, 16 अगस्त 2024: 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को की गई, जिसमें भारतीय सिनेमा की उत्कृष्टता और विविधता को सम्मानित किया गया। इस साल के पुरस्कारों में कई प्रमुख फिल्मों और कलाकारों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने सिनेमा जगत में अपने उत्कृष्ट योगदान से दर्शकों का दिल जीता है।

विजेताओं की सूची में सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल करने वालों में शामिल हैं ऋषभ शेट्टी, जिन्होंने फिल्म ‘कांतारा’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता। इस फिल्म में उनके दमदार प्रदर्शन को दर्शकों और आलोचकों ने समान रूप से सराहा। ‘कांतारा’ ने इस साल की सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का पुरस्कार भी जीता, जिसने इसे एक और बड़ी उपलब्धि बना दिया।

नित्या मेनन और मानसी पारेख को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के रूप में सम्मानित किया गया। नित्या मेनन ने फिल्म ‘थिरुचित्रम्बलम’ में अपने दमदार अभिनय के लिए यह पुरस्कार जीता, जबकि मानसी पारेख को फिल्म ‘कच्छ एक्सप्रेस’ में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए यह पुरस्कार मिला।

सूरज बड़जात्या ने फिल्म ‘ऊंचाई’ के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीता। उन्होंने अपने निर्देशन के माध्यम से एक बार फिर से दर्शकों को एक नई और प्रेरणादायक कहानी प्रस्तुत की।

इस वर्ष के पुरस्कारों में गुलमोहर को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार मिला। इस फिल्म ने न केवल दर्शकों के दिलों को छुआ बल्कि आलोचकों से भी तारीफें बटोरी। मनोज बाजपेयी को इस फिल्म के लिए विशेष उल्लेख भी मिला।

ए.आर. रहमान को मणिरत्नम की फिल्म ‘पोन्नियिन सेलवन 2’ के लिए सर्वश्रेष्ठ बैकग्राउंड संगीत का पुरस्कार दिया गया।

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2024 के विजेताओं की पूरी सूची:

  • सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म: अट्टम (मलयालम फिल्म)
  • सर्वश्रेष्ठ पटकथा: आनंद एकार्शी, अट्टम
  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: नित्या मेनन, थिरुचित्रम्बलम और मानसी पारेख, कच्छ एक्सप्रेस
  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेता: ऋषभ शेट्टी, कांतारा
  • सर्वश्रेष्ठ निर्देशक: सूरज बड़जात्या, ऊंचाई
  • सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म: कांतारा
  • सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म: गुलमोहर
  • सर्वश्रेष्ठ कन्नड़ फिल्म: केजीएफ चैप्टर 2
  • सर्वश्रेष्ठ तमिल फिल्म: पोन्नियिन सेलवन 1
  • सर्वश्रेष्ठ बंगाली फिल्म: काबेरी अंतर्धान
  • सर्वश्रेष्ठ मराठी फिल्म: वालवी
  • सर्वश्रेष्ठ तेलुगु फिल्म: कार्तिकेय 2
  • सर्वश्रेष्ठ असमिया फिल्म: इमुथी पुथी
  • सर्वश्रेष्ठ ओडिया फिल्म: दमन
  • सर्वश्रेष्ठ पंजाबी फिल्म: बागी दी धी
  • सर्वश्रेष्ठ मलयालम फिल्म: सऊदी वेलक्का
  • सर्वश्रेष्ठ तिवा फिल्म: सिकैसल
  • सर्वश्रेष्ठ स्टंट कोरियोग्राफी: केजीएफ चैप्टर 2
  • सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री: नीना गुप्ता
  • सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता: पवन मल्होत्रा
  • सर्वश्रेष्ठ गायक: अरिजीत सिंह
  • सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक: प्रीतम (ब्रह्मास्त्र)
  • सर्वश्रेष्ठ गीतकार: नौशाद सदर खान, फौजा
  • सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन डिजाइन: अपराजितो
  • सर्वश्रेष्ठ संपादन: अट्टम
  • गैर-फीचर श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ संपादन: सुरेश उर्स (मध्यांतर)
  • सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म: आइना
  • सर्वश्रेष्ठ बैकग्राउंड संगीत: ए.आर. रहमान (पोन्नियिन सेलवन 2)

पुरस्कार समारोह अक्टूबर 2024 में आयोजित किया जाएगा, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विजेताओं को सम्मानित करेंगी। इस वर्ष के पुरस्कारों ने भारतीय सिनेमा की विविधता और गहराई को दिखाया है, जिसमें विभिन्न भाषाओं और शैलियों की फिल्मों को सम्मानित किया गया है।

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार का इतिहास

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के फिल्म समारोह निदेशालय के अनुसार, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का मुख्य उद्देश्य सौंदर्य, तकनीकी उत्कृष्टता, और सामाजिक प्रासंगिकता वाली फिल्मों के निर्माण को प्रोत्साहित करना है। इन पुरस्कारों की शुरुआत 1954 में हुई थी, जब इन्हें राज्य पुरस्कार के रूप में जाना जाता था। शुरुआती वर्षों में, ये पुरस्कार केवल विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को मान्यता देते थे।

1967 में, पहली बार अभिनेताओं और तकनीशियनों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन और तकनीकी योगदान के लिए पुरस्कार दिए गए। उस वर्ष, नरगिस दत्त ने फिल्म ‘रात और दिन’ में अपने शानदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता, और उत्तम कुमार ने ‘एंटनी फ़िरिंगी’ और ‘चिड़ियाखाना’ में अपने यादगार किरदारों के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता।

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार आज भी भारतीय सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित पुरस्कारों में से एक माने जाते हैं, जो भारतीय फिल्म उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और सिनेमा के माध्यम से समाज को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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